बंगाल में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भेजे टीके टीएमसी नेताओं को लगवाए
कोलकाता
भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कई कार्यकर्ताओं को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया है जो स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के लिए था। इस वजह से राज्य में टीके की खुराकें कम पड़ गईं। पूर्व बर्द्धमान जिले में दो विधायकों समेत कई टीएमसी नेताओं को शनिवार को टीका लगाया गया है। शनिवार को ही कोरोना वायरस के खिलाफ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है।
राज्य में कई स्वास्थ्य कर्मियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें टीका नहीं लग सका। हालांकि उन्हें टीका लगवाने के लिए बुलाया गया था। प्रदेश भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा,केंद्र सरकार ने जो टीके भेजे थे, वे स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के अन्य कर्मियों के लिए थे जो महामारी में समाज की सेवा कर रहे हैं।''
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने देशभर में करीब साढ़े तीन करोड़ शीशियां भेजी हैं। ये खुराकें राजनीतिक नेताओं के लिए नहीं थी।घोष ने पत्रकारों से कहा, अगर टीका टीएमसी नेताओं को लगाया गया है तो (खुराकों की) कमी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि टीएमसी के कुछ नेताओं को अपनी जिंदगी का इतना डर है कि वे नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इससे पहले बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल में कोरोना टीके की लूट का आरोप लगाया था। उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया, ''कोरोना वैक्सीन की हुई लूट। देश के प्रधानमंत्री मोदीजी ने कोरोना वॉरियर्स, स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर के लिए फ्री कोरोना वैक्सीन भेजी। मगर प.बंगाल में टीएमसी विधायक और गुंडों ने जबरदस्ती वैक्सीन लगवा ली। ममताजी का बयान कि मोदीजी ने वैक्सीन कम भेजी। शर्म करो ममताजी!'' केंद्र सरकार का लक्ष्य पहले चरण में तीन करोड़ से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर डटे कर्मियों को मुफ्त टीका लगाने का है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने राज्य में टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए कोविड-19 टीके की अपर्याप्त आपूर्ति करने पर शनिवार को नाखुशी जताई थी। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि बंगाल को पहले चरण में टीके की 10 लाख से ज्यादा खुराकें मिलनी चाहिए थी लेकिन अब तक 6.89 लाख खराकें ही मिली है।
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