महिला सीट पर चुनाव लड़ सकेंगे तृतीयपंथी
मुंबइ
बाॅम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक ट्रांसजेंडर (तृतीयपंथी) को ग्राम पंचायत चुनाव में महिलाओं की श्रेणी में चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि ऐसे लोगों को लिंग चयन का अधिकार है. अभी तक किन्नरों के लिए चुनाव में कोई श्रेणी निर्धारित नहीं की गयी थी लेकिन उच्च न्यायालय के इस आदेश ने तृतीयपंथी समाज के लिए राजनीति के क्षेत्र में एक मार्ग प्रशस्त कर दिया है.
न्यायमूर्ति रवीन्द्र घुग की एकल पीठ ने दो जनवरी को दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला दिया. अंजलि गुरू द्वारा दायर याचिका में रिटर्निंग अधिकारी के 31 दिसंबर 2020 के फैसले को चुनौती दी गई थी. रिटर्निंग अधिकारी ने जलगांव जिले में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए याचिकाकर्ता का पर्चा रद्द कर दिया था. याचिकाकर्ता ने नामांकन पत्र में लिंग में महिला श्रेणी का चुनाव किया था और सामान्य श्रेणी की महिलाओं के लिये आरक्षित वार्ड से चुनाव लड़ने के लिये पर्चा दाखिल किया था. उसका नामाकंन पत्र इसलिए खारिज कर दिया गया था क्योंकि याची ट्रांसजेंडर था और मौजूदा ग्राम पंचायत चुनाव के फॉर्म में में ट्रांसजेंडर श्रेणी की व्यवस्था नही है.
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