मुंबई
एक तरफ जहां शिवसेना ने ‘जलेबी ने फाफड़ा, उद्धव ठाकरे आपणा’ की घोषणा करके गुजराती भाषी समाज को अपना बनाने पर जोर दिया है, वहीं कांग्रेस ने उत्तर भारतीय और गुजराती मतदाताओं का विश्वास हासिल करने पर जोर दिया है। इसके लिए मुंबई कांग्रेस के नए अध्यक्ष भाई जगताप ने दोनों समुदायों के नेताओं को पार्टी में वापस लाने की योजना बनाई है।
जानकारी के अनुसार उत्तर भारतीय, झुग्गी बस्तियों के मुंबई में कांग्रेस के पारंपरिक मतदाता थे। लेकिन 2014 के चुनावों के बाद से, इन पारंपरिक मतदाताओं ने भाजपा की ओर रुख किया है। जिसके चलते कांग्रेस मुंबई में पीछे रह गई। कांग्रेस का दक्षिणपंथी मतदाता भाजपा की ओर मुड़ गया। गुजराती भाषी मतदाताओं ने भी कांग्रेस से मुंह मोड़ लिया।
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