चंडीगढ़
हरियाणा की राजनीति में बुधवार का दिन काफी अहम रहा। रोहतक जिले के महम कांड से बरी हो चुके इनेलो के एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के पौत्र अभय चौटाला को इंटरनेट मीडिया पर जुबान का धनी नेता बताते हुए ट्रोल किया जा रहा है। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में इस बार ताऊ देवीलाल के परिवार से पांच विधायक चुनकर गए हैं। अभय चौटाला एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के चार साल बचे होने के बावजूद विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। पंचकूला में राज्य कार्यकारिणी की बैठक लेने के बाद हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके अभय चौटाला अपने कुछ साथियों के साथ ट्रैक्टर चलाकर चंडीगढ़ स्थित हरियाणा विधानसभा सचिवालय पहुंचे। वहां उन्होंने स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को अपना वही इस्तीफा सौंपा जो उन्होंने पहले ई-मेल से और बाद में अपने समर्थकों के जरिये भिजवाया था।
अभय चौटाला ने ऐलान किया था कि 26 जनवरी तक यदि तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तो 27 जनवरी को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए। अपना इस्तीफा स्पीकर को सौंपने अभय खुद विधानसभा पहुंचे। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अभय चौटाला सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट से इनेलो के एकमात्र विधायक थे। अब यह सीट खाली हो गई है। यहां छह माह के भीतर दोबारा चुनाव होना है। हाल ही में बरोदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ है। बरोदा के बाद अब ऐलनाबाद का उपचुनाव काफी रोमांचकारी रहने वाला है। अभय चौटाला के इस्तीफा देने के साथ ही अब ताऊ देवीलाल के परिवार के बाकी सदस्य विधायकों, कांग्रेस, जजपा और निर्दलीय विधायकों पर इस्तीफों का दबाव बढ़ेगा।
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