बिना अनुमति के चल रही नौंवीं-दसवीं की कक्षाएं
पालघर
बिना सरकारी अनुमति के चलाए जा रहे पालघर जिला परिषद के 23 स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरे में दिखाई दे रहा है। इन स्कूलों में नौवीं और दसवीं की कक्षाओं में पढ़ रहे 200 ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के शैक्षणिक भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। शुरू में पालघर जिला परिषद के स्कूलों में आठवीं कक्षा तक की शिक्षा उपलब्ध होती थी। जैसे-जैसे आठवीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी, नौवीं और दसवीं कक्षाओं को सरकार की मंजूरी के साथ शुरू किया गया।
उल्लेखनीय है कि 2018 में सरकार ने पहली बार जिले के 60 जिला परिषद स्कूलों को नौवीं और दसवीं कक्षा के विस्तार के लिए मंजूरी दी थी। लेकिन जिला परिषद के केवल 39 स्कूलों ने ही ये कक्षाएं शुरू की। कुछ कारणों से शेष 21 स्कूलों में कक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं थी। इसके बावजूद 2019 में 23 और स्कूलों में नौवीं और दसवीं कक्षा की वृद्धि का प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा गया था।लेकिन सरकारी स्वीकृति के बिना ही इन स्कूलों में नौंवी और दसवीं की कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। इनमें लगभग 150 से 200 छात्र पढ़ रहे हैं। 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए परीक्षा का आयोजन राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जाता है।
अब ऐसे स्कूलों में जहां, अवैध कक्षाएं शुरू की गई हैं, पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता यह नहीं जानते कि उनके बच्चों का भविष्य क्या होगा। आशंका है कि छात्रों के साथ इन स्कूलों को भी नुकसान होगा।
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