प्रयागराज
माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज के संगम समेत गंगा के विभिन्न स्नान घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ है। दोपहर 12 बजे तक पांच लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके थे। सुबह तो मेला क्षेत्र में अपेक्षाकृत भीड़ कम थी लेकिन दोपहर में अचानक भीड़ बढ़ने लगी। दोपहर में मेला क्षेत्र में वाहनों की भी संख्या बढ़ गई। पुलिस को ट्रैफिक कंट्रोल करने में मशक्कत करनी पड़ी। शाम चार बजे तक सात लाख श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे। प्रशासन के मुताबिक माघी पूर्णिमा पर संगम में लगभग सात लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज के संगम में सुबह 10 बजे तक तीन लाख लोगों ने डुबकी लगाई। संगम समेत गंगा के विभिन्न स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है। दोपहर में भीड़ बढ़ने की संभावना है। गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में स्नान के बाद श्रद्धालु पूजन-अर्चन के साथ दान कर रहे हैं। गंगा के विभिन्न स्नान घाटों पर आस्था उमड़-घुमड़ रही है। माघ मेला में यह पांचवां स्नान पर्व है। इसी के साथ ही संगम की रेती पर लगने वाले एक माह के माघ मेले में कल्पवास का समापन होगा।
ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि पूर्णिमा तिथि शुक्रवार की दोपहर 2.53 बजे लग गई थी जो शनिवार की दोपहर 1.51 बजे तक रहेगी। दिन मघा नक्षत्र शनिवार की दोपहर 12.24 बजे तक है। स्नान का विशेष योग मघा नक्षत्र के रहने के दौरान है। मकर राशि में वृहस्पति, बुध व शनि का संचरण होने से त्रिग्रहीय योग का संयोग बन रहा है।
गंगा जल, कैलेंडर और रामचरित मानस लेकर लौट रहे: संगम में पुण्य की डुबकी लगाने दूर दराज से आए श्रद्धालु गंगा जल, कैलेंडर, रामचरित मानस और जनेऊ लेकर लौटने लगे हैं। मां गगा की कृपा से बहुतों के काम सफल हुए है। वह दान दक्षिणा कर संतों के दर्शन कर रहे हैं। 14 जनवरी से संगम तट पर लगा माघ मेला अब समापन की ओर से है। शनिवार को पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर लाखों लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई और मां गंगा से जन कल्याण की कामना की।
15 साल से दिल्ली से लगातार आते रहे हें प्रयागराज तिवारी : दिल्ली से आए प्रयागराज तिवारी से गंगा स्नान करके आज लौट रह हैं। वह चार दिन से संगम तट पर रहकर स्नान किए और संतों के दर्शन किए। साथ ही सत्संग भी सुना। लौटते समय वह अपने साथ गंगा जल लेकर जा रहे हैं। साथ ही आधा दर्जन पंचांग लिया। वह साल यहां पर स्नान करने आते हैं। पिछले करीब 15 साल से उनका यहां पर आना जाना है। बताते हैं कि मां गंगा की कृपा से उनका दिल्ली में कारोबार बहुत अच्छा चल रहा है। उनका वहां पर मेडिकल का कारोबार है। पिछले एक दशक से उनका परिवार इस धंधे में लगा है। वह माघ मेला से हर साल कैलेंडर ले जाते हैं। इसमें कुछ वह अपने मित्रों को भी बांट देेंगे। साथ ही राम चरित मानस और जनेऊ भी खरीदा है। माघी पूर्णिमा स्नान के बाद 11 मार्च को महाशिवरात्रि का आखिरी स्नान पर्व है। हालांकि पूर्णिमा के बाद ही तमाम लोग घर को लौटने लगे हैं। अब गर्मी भी बढ़ गई है और कल्पवास भी पूरा हो है। आज का स्नान करने के बाद संत हरिद्वार कुंभ में जाने की तैयारी में हैं।
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