एक मार्च से बुजुर्गों और बीमारों को लगेगा मुफ्त टीका
नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने देश में कोरोना की रोकथाम के लिए टीकाकरण का दूसरा चरण पहली मार्च से शुरू कराने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को पहली मार्च से कोविड वैक्सीन सरकारी केंद्रों पर नि:शुल्क लगाई जाएगी। हालांकि प्राइवेट अस्पतालों और क्लिनिकों में लोगों को वैक्सीन के लिए भुगतान करना पड़ेगा।
45 साल : दूसरी बीमारी से ग्रस्त लोगों को ही लगेगी वैक्सीन
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि पहली मार्च से 45 साल से ज्यादा उम्र के उन्हीं लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी, जो किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त हैं। 60 साल से ज्यादा और दूसरी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले लोगों को 10 हजार सरकारी केंद्रों पर टीका लगाया जाएगा।
निजी अस्पतालों में कितना आएगा खर्च अभी तय नहीं
निजी या प्राइवेट अस्पतालों में टीके की एक डोज कितने की होगी इस बारे में जावड़ेकर ने बताया कि इस मसले पर विचार विमर्श करने के बाद स्वास्थ्य विभाग दो से तीन दिनों में घोषणा करेगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि निजी क्लिनिकों या केंद्रों की संख्या 20 हजार होगी, जहां टीका लगवाने वालों को शुल्क देना होगा।
केंद्र राज्यों को उपलब्ध कराएगा टीका
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकारी केंद्रों पर नि:शुल्क टीका लगाने के लिए भारत सरकार जरूरी खुराक की खरीद करके राज्यों को उपलब्ध कराएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या लोगों को कोविशिल्ड या कोवैक्सीन में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा। सरकार ने कहा है कि दो टीकों को मंजूरी दी गई है और दोनों प्रभावी हैं।
केंद्रीय मंत्री भुगतान करके लगवाएंगे वैक्सीन
जावड़ेकर ने बताया कि अगले चरण के टीकाकरण के लिए 10 हजार सरकारी और 20 हजार निजी अस्पतालों में कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी।
जावड़ेकर के साथ मौजूद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अधिकांश मंत्री शुल्क अदा करके कोविड वैक्सीन लगवाने पर विचार कर रहे हैं। भारत में 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत अब तक 1,07,67,000 लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इतना ही नहीं 14 लाख लोगों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है।
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