विरार
वसई सेशन कोर्ट ने रिश्वतखोरी के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को चार-चार साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी पुलिस कर्मियों पर जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर एक-एक महीने की अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई है। दोनों पुलिसकर्मियों पर शिकायतकर्ता से चार हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप था। जानकारी के अनुसार मानिकपुर पुलिस स्टेशन में कार्यरत पुलिस नायक संजय देशमुख और बाबासाहेब बोरकर ने वाहन के दस्तावेजों और पंचनामा की एक प्रति प्रदान करने के लिए शिकायतकर्ता से 2009 में चार हजार रुपये की रिश्वत ली थी। जिसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में की गयी थी। ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक विसपुते ने मामले की जांच करने के बाद चार्जशीट दायर की थी। अभियुक्त संजय देशमुख को मजबूत सबूतों के आधार पर आरोप साबित होने पर चार साल के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा करने में असफल रहने पर एक महीने का साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा। जबकि दूसरे आरोपी बाबासाहेब बोरकर को चार साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर एक महीने के साधारण कारावास में रहना पड़ेगा है। जयप्रकाश पाटिल ने सरकारी वकील के रूप में काम करते हुए अदालत में पैरवी की थी।
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