सत्ता पक्ष ने दी इतिहास पढ़ने की नसीहत
पटना
बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरे होने पर रविवार को पटना में शताब्दी समारोह का आयोजन हो रहा है. इस कार्यक्रम में सीएम, डिप्टी सीएम के अलावा जहां जेडीयू, भाजपा, कांग्रेस, माले और सीपीआई के नेता मौजूद रहे लेकिन आरजेडी के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नहीं दिखे। तेजस्वी के कार्यक्रम में नहीं रहने पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गये हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की जगह रामचंद्र पूर्वे ने सदन में अपना संबोधन किया।विधानसभा के शताब्दी समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के नहीं शामिल होने पर भाजपा और जेडीयू में सवाल खड़े किए हैं। भाजपा नेता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी गायब नेता के तौर पर जाने जाते हैं। जब भी बिहार का बड़ा मौका होता है वहां तेजावी मौजूद नहीं होते हैं। आज 100 वें साल के एतिहासिक समारोह में जहां हर कोई शामिल होना चाहता है, वहां तेजस्वी को इससे कोई मतलब नहीं। तेजस्वी को ना तो बिहार की जनता के समस्याओं से मतलब है और ना ही बिहार के गौरव से। तेजस्वी को बिहार के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए ताकि सम्मान जग सके। जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी को विरासत में राजनीति मिली है, वो क्या जानें इसका महत्व। जब सदन के गरिमा का ख्याल नहीं रहा तो फिर जनता का क्या ख्याल होगा।
आरजेडी ने बताया दिल्ली लालू के इलाज में लगे हैं
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के विधान सभा के शताब्दी समारोह में नही मौजूद रहने पर आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि तेजस्वी अपने पिता लालू प्रसाद के इलाज के लिए दिल्ली में हैं, इसलिए वो नहीं पहुंच सके हैं। वहीं विरोधियों का जबाब देते हुए तिवारी ने कहा कि अगर जनता का ख्याल नहीं होता तो चुनाव में बड़ी पार्टी कैसे बनती। आज भी जनता ने सबसे ज्यादा वोट तेजस्वी को दिया है।
नीतीश ने किया उद्घाटन
शताब्दी समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह , उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद , पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायक मौजूद रहे।
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