पटना
बिहार में मुलाकातों की सियासत तेज हो गई। सोमवार सुबह जहां चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चंदन कुमार ने फूलों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की वहीं सोमवार को ही सीपीआई नेता और जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मंत्री अशोक चौधरी से मिलने पहुंचे। कन्हैया कुमार ने मंत्री के आवास पर उनसे मुलाकात की।
वैसे इन मुलाकातों को औपचारिक बताया जा रहा है, लेकिन राजनीति के गलियारों में इनकी चर्चा गर्म हो गई है। राजनीतिक पंडित अपने-अपने ढंग से विश्लेषण कर इसके निहितार्थ तलाश रहे हैं।
ये मुलाकातें ऐसे वक्त हो रही हैं जब बिहार में भाजपा के साथ सरकार चला रही जद यू अपने विस्तार की तैयारियों में जुटी है। पिछले विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन (सिर्फ 43 सीटें हासिल हुईं) से सतर्क हुई इस पार्टी ने जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत बनाने का ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान भी जद यू कोटे से मंत्रियों के चयन में यह कोशिश नज़र आई। हाईकमान एक तरफ पार्टी के अंदर समीकरणों को ठीक कर सब कुछ दुरुस्त करने में जुटा है। दूसरी तरफ बाहर भी कोशिशें परवान चढ़ रही हैं। राजनीति के जानकार कह रहे हैं कि बिहार में भविष्य की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा कुछ नहीं कहा जा सकता। नेताओं की ताजा मुलाकातों को लेकर कहा जा रहा है सीएम नीतीश भविष्य के हालात को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। इन दिनों वे तमाम नेताओं और विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं। बिहार की सियासत में रोज ही कोई न कोई खिचड़ी पकती दिखती है। हाल में सीपीआई में कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बाद सोमवार को कन्हैया ने मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात की। कन्हैया के जद यू में शामिल होने की संभावनाओं पर जद यू नेता अजय आलोक ने कहा कि वह कम्युनिस्ट विचारधारा के नेता हैं
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