पटना
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर अफसरों पर हमला बोला है। हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने रविवार ( 21 फरवरी) को कहा कि सरकार की कड़ी चेतावनी के बावजूद दो जिलों में जहरीली शराब से मौत प्रशासनिक विफलता का परिणाम है। शराबबंदी कानून को सफल बनाना एसपी और स्थानीय पुलिस की जवाबदेही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हमारी मांग है कि इस तरह की बड़ी घटना होने पर प्रशासनिक अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए। जब तक ऐसी कार्रवाई नहीं होगी, शराबबंदी कानून सफल नहीं हो पाएगा।
बता दें कि गोपालगंज जिला के विजयीपुर के मझवलिया गांव में ईंट-भट्ठें पर मजदूरी करनेवाले तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। मजदूर झारखंड के गुमला के निवासी थे। पहले तो प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर जहरील शराब से मौत होने से इंकार किया था। इस बीच दो और लोगों की जहरीली शराब से आंखों की रोशनी चले जाने के बाद परिजनों की स्वीकारोक्ति और डॉक्टर के बयान के आधार पर सात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले में दो महिलओं को भी गिरफ्तार किया है। इधर मुजफ्फरपुर में भी 17 फरवरी को जहरीली शराब से कटरा थाना क्षेत्र में एक दंपति की मौत हो गई थी। पति की मौत के चार घंटे बाद पत्नी की भी मौत हो गई थी। पहले तो ग्रामीणों ने जहरीली शराब से मौत की बात से इंकार किया था। मगर दूसरे ही दिन एक और मौत होने और कई लोगों के बीमार होने पर मामले ने तूल पकड़ लिया । लोगों ने भी जहरीली शराब के सेवन से मौत की बात मानी।
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