जानवरों के लिए अलग ब्रिज और अंडरपास
मुंबइ
लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे नागपुर-मुंबई सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेस-वे का काम जल्द ही पूरा होने वाला है. यह देश के सबसे तेज राजमार्गों में से एक होगा जो मुंबई और नागपुर की दूरी को कम करेगा। इसके लिए पांच ‘वन्यजीव पुलों’ और अंडरपासों का एक नेटवर्क बनाया जा रहा है जिससे जानवरों को सड़क पार करते समय कोई नुकसान न पहुंचे.नागपुर-मुंबई सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेस-वे को 150 किमी प्रति घंटे की तेज गति को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. यह 701 किलोमीटर लंबा और 120 मीटर चौड़ा राजमार्ग है. सूत्रों के अनुसार यह राजमार्ग मई में चालू होने जा रहा है. यह मार्ग तानसा (ठाणे), कटेपुर्ना (अकोला-वाशिम सीमा) और करंजा-सोहोल (वाशिम) तक फैला हुआ है जो बड़े पैमाने पर वन्यजीवों को प्रभावित करेगा. जंगलों के बड़े हिस्से को काटने से वन्यपशुओं की आवाजाही सड़कों पर ज्यादा देखने को मिल सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ मिलकर सुरक्षित वन्यजीव क्रॉसिंग में बनाने का फैसला लिया है. डब्ल्यूआईआई के वैज्ञानिक डॉ. बिलाल हबीब ने बताया कि यह पहला ऐसा मार्ग है जहां वन्यजीव शमन पर विचार किया गया है. इसको देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भी प्रस्तावित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ पशु पुल बनाने की योजना की घोषणा की है. लेकिन इस कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी चल रही है. दूसरी ओर नागपुर-मुंबई कॉरिडोर का काम लगभग 70 फीसदी पूरा हो चुका है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पिता स्व. बाल ठाकरे के नाम से इस परियोजना के नामकरण की घोषणा की है. नागपुर से शिर्डी को जोड़ने वाले मार्ग के साथ 502 किलोमीटर का हिस्सा एक मई को जनता के लिए खोल दिया जाएगा. एमएसआरडीसी के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राधेश्याम मोपलवार ने कहा कि कॉरिडोर के शेष हिस्से को अगले साल मई से पहले चालू कर दिया जाएगा।
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