नई दिल्ली
इस बजट से नौकरीपेशा लोगों को बहुत उम्मीदें थीं। उम्मीद की जा रही थी इस बार करीब 7 साल बाद टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाई जाएगी और साथ ही 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट की सीमा को भी 1.5 लाख से बढ़ाया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस बजट के बाद तो ये बात भी होने लगी है कि टैक्स से जुड़ी तो कोई बड़ी घोषणा हुई ही नहीं। भले ही इस बार नौकरीपेशा को मोदी सरकार ने कुछ नहीं दिया, लेकिन टैक्स से जुड़ी बड़ी घोषणाएं की हैं।
वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत
इस बार के बजट में बुजुर्गों को बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्री ने बजट में घोषणा की है कि 75 साल के अधिक की उम्र के लोगों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि, शर्त ये है कि ये छूट उन्हें सिर्फ पेंशन और ब्याज से हुई कमाई पर ही दी जाएगी। टैक्स पर छूट बाकी किसी तरीके से हुई कमाई पर नहीं मिलेगी। यानी 75 साल से अधिक के लोगों की बाकी हर तरह की कमाई टैक्स के दायरे में होगी, चाहे वह रेंट से हो या फिर किसी और जरिए से हो।
इस बजट में टैक्स असेसमेंट के केस को दोबारा खोले जाने की अवधि को 6 साल से घटाकर 3 साल करने का भी ऐलान किया गया है। इससे बड़ा फायदा ये होगा कि करदाताओं को लंबे समय तक अनिश्चितता में नहीं रहना होगा। गंभीर मामलों में भी जहां एक साल में 50 लाख रुपये या उससे अधिक की टैक्स चोरी के सबूत मिलते हैं, उन्हें भी 10 साल में दोबारा खोला जा सकेगा।
ITR भरना हुआ और आसान
अभी तक आईटीआर भरने के दौरान हमें पहले से ही फॉर्म में नाम, पता, सैलरी पर लगा टैक्स, टैक्स का भुगतान, टीडीएस जैसी जानकारियां पहले से ही भरी हुई आती थीं। बजट में एक घोषणा के जरिए इसे और भी आसान बना दिया गया है। अब आईटीआर के फॉर्म में लिस्टेड सिक्योरिटीज से हुए कैपिटल गेन्स की जानकारी, डिविडेंड इनकम की जानकारी और बैंक-पोस्ट ऑफिस से मिले ब्याज की जानकारी भी पहले ही भरी हुई मिलेगी।
टैक्स ऑडिट की सीमा हुई दोगुनी
निर्मला सीतारमण ने इस बजट में टैक्स ऑडिट की सीमा को 5 करोड़ रुपये के टर्नओवर से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले ही उन्होंने 1 करोड़ रुपये के टर्नओवर से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया था। ये उनके लिए है जो अपनी करीब 95 फीसदी ट्रांजेक्शन डिजिटल माध्यम से करते हैं।
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