कानपुर
यूपी के कानपुर में चर्चित 3000 करोड़ रुपए के बैंक डिफाल्टर विक्रम कोठारी को मिला एक अवार्ड भी जांच के घेरे में आ गया है। उन्हें 1997 में देश के सर्वश्रेष्ठ निर्यातक अवार्ड से नवाजा गया था। उस दौरान बैंकों में रोटोमैक ग्रुप की आर्थिक स्थिति का आकलन होगा। दस साल में बीस हजार करोड़ रुपए की कंपनी का टारगेट फिक्स करने की फाइलों को भी जांच एजेंसियों ने सीज कर लिया है। रोटोमैक समूह की जांच तीन एजेंसियां कर रही हैं। सबसे पहले सीबीआई ने बैंक डिफाल्टर मामले की कमान अपने हाथ में ली। बाद में आर्थिक अनियमितताओं के कारण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच सौंपी गई। अब सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) इस केस की पड़ताल कर रहा है। जांच एजेंसी के एक सूत्र के मुताबिक 1997 में कोठारी को देश के सर्वश्रेष्ठ निर्यातक का अवार्ड तत्कालीन प्रधानमंत्री ने दिया था। 25 साल पुराने रिकॉर्ड में देखा जाएगा कि उस समय बैंकों से लिए गए कर्ज की स्थिति क्या थी और लोन देने के लिए बैंकों ने नियम का पालन किया था या नहीं।
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