मुंबई
भीमा कोरेगांव मामले में कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव को हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। उन्हें इस शर्त के साथ जमानत दी गई है कि वो जांच के दौरान मुंबई में ही रहेंगे, इसके साथ ही उन्हें जांच के लिए उपलब्ध रहेंगे। एल्गार परिषद केस में ये पहली जमानत है। वरवर राव को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत मेडिकल कंडीशन के आधार पर दी है। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि अगस्त 2018 से मुकदमे का इंतजार कर रहे राव को छह महीने की जमानत अवधि के बाद या तो आत्मसमर्पण करना चाहिए या उसके विस्तार के लिए आवेदन करना चाहिए। राव को इस शर्त पर जमानत दी गई है कि उन्हें मुंबई में ही रहना है और जांच के लिए उपलब्ध होना चाहिए। एल्गार परिषद मामले की जांच एनआईए कर रही है। राव 28 अगस्त 2018 से ही न्यायिक हिरासत में हैं और मामले की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ ने सोमवार को आदेश दिया कि राव को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाए जोकि उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करेगी।
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