नई दिल्ली
सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी 'टूलकिट' शेयर किए जाने के मामले में आरोपी पर्यावरण कार्यकर्ता शांतनु मुलुक को बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी। दिल्ली पुलिस ने शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी कर रखा है। वहीं, हाई कोर्ट ने आरोपी वकील निकिता जैकब की अग्रिम जमानत की अर्जी पर फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि शांतनु मुलुक और निकिता जैकब पर दस्तावेज तैयार करने और खालिस्तान समर्थकों के सीधे संपर्क में होने का आरोप है। महाराष्ट्र के बीड जिले के निवासी मुलुक ने अपनी याचिका औरंगाबाद पीठ में दायर किया था। वहीं, जैकब ने मुंबई में अर्जी लगाई थी। जैकब ने अपनी याचिका में कहा है कि डर है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध और मीडिया ट्रायल के कारण गिरफ्तार किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि मामले में दर्ज एफआईआर गलत और निराधार है।
वकील और कार्यकर्ता निकिता जैकब ने बताया कि 11 जनवरी को पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ जूम कॉल मीटिंग के बारे में लिखा है। उस मीटिंग में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग शामिल थे और होस्ट यानी कि मेजबान ने यह स्पष्ट किया था कि अभियान का कोई राजनीतिक या धार्मिक रंग रूप नहीं होगा। बातचीत के केंद्र में सिर्फ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दे थे। होस्ट ने बताया था कि सामग्री सार्वजनिक डोमेन में रहेगी। दिल्ली की एक अदालत ने 'टूलकिट' मामले में गिरफ्तार की गई पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को गर्म कपड़े, मास्क, किताबें आदि प्राप्त करने की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही अदालत ने दिशा को उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों से बात करने और 'टूलकिट' मामले में एफआईआर की कॉपी और उसकी गिरफ्तारी से जुड़े अन्य दस्तावेजों को हासिल करने की भी इजाजत दे दी है।
पाक की ISI से जुड़े तार
नए खुलासे के तहत अब दो खालिस्तानियों पीटर फ्रेडरिक और भजन सिंह भिंडर उर्फ इकबाल चौधरी के नाम भी इससे जुड़े हैं। इनके संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी हैं। ऐसे में पुलिस अब इस बात को भी केंद्र में रखकर जांच की ओर आगे बढ़ रही है कि कहीं पाक से तो इस पूरे उपद्रव की रणनीति नहीं बनाई गई।
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