श्रृंखला में वापसी की कोशिश करेगी टीम इंडिया
चेन्नई
स्पिनरों की मददगार पिच पर इंग्लैंड के खिलाफ शनिवार से शुरू हो रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में भारतीय टीम अपनी गलतियों से सबक लेकर उतरेगी क्योंकि कप्तान विराट कोहली को बखूबी पता है कि यहां कोताही बरतने का मतलब विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में स्थान गंवाना होगा। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऐतिहासिक जीत का खुमार इंग्लैंड के हाथों पहले टेस्ट में 227 रन से मिली हार के साथ ही उतर गया। अब आने वाले तीन मैचों में भारत के लिये गलती या आत्ममुग्धता की कोई गुंजाइश नहीं होगी। आम तौर पर दबाव में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कोहली को भी बतौर कप्तान अपने फन का लोहा मनवाना होगा। इस मैच से दर्शकों की मैदान पर वापसी होगी और यह भारतीय टीम के लिये ‘टॉनिक’ का काम कर सकता है।
भारत को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में प्रवेश के लिये दो मैच जीतने हैं और एक भी गंवाना नहीं है। इंग्लैंड टीम में बेन फोक्स के रूप में नया विकेटकीपर है और जेम्स एंडरसन की जगह स्टुअर्ट ब्रॉड लेंगे। मोईन अली को भी डोम बेस की जगह टीम में शामिल किया गया है। कोहनी की चोट के कारण जोफ्रा आर्चर टीम से बाहर हैं जिनकी जगह गेंदबाजी हरफनमौला क्रिस वोक्स को मिलेगी। इंग्लैंड के नंबर एक बल्लेबाज और कप्तान जो रूट ने कहा था, ‘जोफ्रा का नहीं खेलना झटका है, लेकिन उम्मीद है कि वह तीसरे टेस्ट तक फिट हो जायेगा।’ चेपॉक की नयी गहरे रंग की पिच पहले टेस्ट की पिच से अलग है और इससे टर्न मिलने की उम्मीद है। ऐसे में रविचंद्रन अश्विन को दूसरे छोर से सहयोग की जरूरत होगी। टर्निंग पिच पर वह वाशिंगटन सुंदर से बेहतर विकल्प हैं, लेकिन बल्लेबाजी को तवज्जो देने पर हरफनमौला हार्दिक पंड्या को उतारा जा सकता है। सुंदर आने वाले समय में बेहतरीन हरफनमौला बन सकते हैं, लेकिन अभी वह तीसरे विशेषज्ञ स्पिनर के तौर पर खेलने के काबिल नहीं हैं। कुलदीप अच्छा विकल्प है, लेकिन टीम प्रबंधन लगातार उनकी अनदेखी करता आ रहा है। दूसरी ओर हार्दिक दस ओवर डालने के साथ तेजी से रन बनाने में भी माहिर हैं। पहले टेस्ट की हार के बाद टीम प्रबंधन के सामने दो विकल्प थे। पहला पिच पर घास छोड़ दी जाये और दूसरा घास हटाकर थोड़ा ही पानी डाले ताकि पिच धूप में सूख जाये।
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