विधानसभा चुनाव से पहले सबरीमला
तिरुवनंतपुरम
आगामी विधानसभा चुनावों से पहले केरल की वाम लोकतांत्रकि मोर्चा सरकार ने राज्य में सबरीमला और सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दर्ज मामलों को बुधवार को वापस लेने का फैसला किया है। विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रकि मोर्चा (UDF) ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया गया है, जबकि भाजपा-राजग ने भगवान अयप्पा के भक्तों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से माफी की मांग की है और कहा कि सबरीमला प्रदर्शन और सीएए विरोधी प्रदर्शन के मामलों को समान रूप से देखा जाना स्वीकार्य नहीं है।
मुख्यमंत्री विजयन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से यहां जारी एक संक्षिप्त बयान के मुताबकि, “मंत्रिमंडल ने सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे और संशोधित नागरकिता कानून के विरोध के सिलसिले में दर्ज ऐसे सभी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है जो गंभीर आपराधकि प्रकृति के नहीं हैं।”
राज्य में 2018-19 के दौरान सबरीमला प्रदर्शन से संबंधित करीब 2000 मामले विभिन्न जिलों में दर्ज किये गए थे जब श्रद्धालुओं और अन्य ने परंपरागत रूप से मंदिर में प्रवेश से प्रतिबंधित 10 से 50 साल आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
विजयन सरकार के इस फैसले का सियासी महत्व है, क्योंकि यह ऐसे वक्त आया है जब जल्द ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सबरीमला मुद्दे को लेकर एलडीएफ पर निशाना साधते रहे यूडीएफ ने हाल में घोषणा की थी कि वह विधानसभा चुनावों में जीतता है तो मुकदमों को वापस लेगा।
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