नई दिल्ली
देश में एक मार्च से कोरोना वैक्सीनेशन के नियम बदले जा रहे हैं। अब 45 से ज्यादा उम्र के बीमार लोग भी वैक्सीनेशन करवा सकेंगे। सरकारी अस्पतालों में ये वैक्सीनेशन फ्री होगा तो प्राइवेट अस्पतालों में इसकी कीमत चुकानी होगी। ऐसे में लोगों के बीच वैक्सीन की कीमत को लेकर कयास भी लगाए जा रहे हैं। इस बीच एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने इशारा कर दिया है कि प्राइवेट अस्पतालों में भी वैक्सीन की कीमत उचित रखी जाएगी।
एम्स के डायरेक्टर ने कहा है िक प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत में जरूरी खर्च जोड़े जाएंगे जिससे अस्पतालों को भी नुकसान न हो। ऐसा पहले कोविड टेस्टिंग के संबंध में भी किया जा चुका है। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि कोविड टेस्टिंग की कीमतों का गलत इस्तेमाल न हो। वैक्सीनेशन के संदर्भ में भी ऐसा ही होगा।
गुलेरिया ने कहा है कि मौजूदा वैक्सीन निश्चित तौर पर गंभीर संक्रमण से बचाएंगी। उन्होंने ये बात कोरोना के नए स्ट्रेन से संबंधित डेथ रेट की चिंताओं पर कही। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो वैक्सीन हैं उनकी एफिकेसी रेट 70, 80, 90 प्रतिशत तक है। तो अगर एफिकेसी रेट में कुछ कमी भी रह जाए तो भी ये प्रभावकारी साबित होंगी।
गुलेरिया ने कहा कि हमें चिंतित होने की बजाए स्थितियों को और गहनता से देखने और निगाह रखने की जरूरत है। कोरोना के सभी वैरिएंट्स पर निगाह रखनी होगी। इसके साथ ही नए वैरिएंट्स के मद्देनजर हमें वैक्सीन बदलते रहने पर भी विचार करना होगा। इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा था कि जो लोग प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन करवाना चाहते हैं उन्हें पैसे देने होंगे।
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