ठाणे
महिला एवं बाल कल्याण योजना के तहत बाल मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से भिवंडी-निजामपुर शहर मनपा ने प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में जाना अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है। घरों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण अनेक बार जच्चा बच्चा की जान को खतरा उत्पन्न हो जाता है। इसको ध्यान में रखते हुए गर्भवती महिलाओं के लिए अस्पताल में प्रसव कराना अनिवार्य बनाने का फैसला किया है।
मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर के आर खरत ने बताया कि निगम ने यह संज्ञान लिया कि झुग्गियों और ग्रामीण इलाकों में घरों में प्रसव की वजह से कई बार गर्भवती महिला और बच्चे की मौत तक हो जाती है। भिवंडी कस्बे में एक साल में करीब 12,000 से 13,000 प्रसव हुए हैं, जिनमें से 3,000-4,000 प्रसव घरों में कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि घरों में प्रसव के दौरान जच्चा एवं बच्चा को उचित स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाता है। भिवंडी-निजामपुर शहर मनपा आयुक्त डॉक्टर पंकज आशिया ने ‘आरोग्य सखी’ कार्यक्रम को अनिवार्य तौर पर लागू करने तथा अस्पतालों में ही प्रसव कराने को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है। फिलहाल भिवंडी-निजामपुर मनपा में 15 सरकारी स्वास्थ्य केंद्र हैं। 'आरोग्य सखी' कार्यक्रम के तहत कम संसाधन वाले समुदायों की महिला उद्यमियों को ट्रैनिंग दी जाएगी। इस दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य जांच से जुड़ी चीजें सिखाई जाएंगी। डॉक्टर खरत ने बताया कि मनपा जल्द ही हर स्वास्थ्य केंद्र पर 20 आरोग्य सखियों को नियुक्त करेगा। ये सखियां झुग्गी बस्तियों में जाकर यह सुनिश्चित करेंगी कि महिलाएं जांच और डिलीवरी के लिए स्वास्थ्य केंद्र जा रहीं हैं या नहीं।
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