चेन्नई
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को स्पिन के अनुकूल चेपॉक पिच की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि उनकी टीम ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज करने के लिए काफी धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाया तथा यहां टॉस का ज्यादा महत्व नहीं था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान ने इस पिच की कड़ी आलोचना की थी। कोहली ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा, ‘हम पिच पर स्पिन और उछाल देखकर घबराए नहीं। हमने मैच में धैर्य दिखाया और 600 से अधिक रन बनाए। हम जानते हैं कि अगर हम इतने रन बनाते है तो हमारे गेंदबाज अपना काम बखूबी ही करेंगे।’ केविन पीटरसन जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने पहले दिन से ही पिच से मिल रही ‘टर्न (स्पिन)’ का मजाक उड़ाया था और इसे टेस्ट मैच के लिए ‘हिम्मत’ वाला पिच करार दिया था, क्योंकि अगर भारतीय टीम टॉस हारती तो उसे बाद में बल्लेबाजी करनी पड़ती। कोहली ने कहा कि यह (टॉस) अधिक मायने नहीं रखता था। उन्होंने कहा, ‘अगर आपने हमारी दूसरी पारी को देखा होगा तो हमने करीब 300 रन बनाये थे। टॉस कोई भी जीतता इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।’
भारतीय कप्तान ने कहा कि प्रशंसकों के सामने खेलने से उनकी टीम को बड़ी जीत दर्ज करने में मदद मिली। क्योंकि घरेलू दर्शकों के सामने खेलने से टीम का हौसला बढ़ा था। कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम की घरेलू सरजमीं पर यह यह 21वीं जीत थी, जिससे उन्होंने करिश्माई कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की बराबरी कर ली। कोहली ने कहा, ‘घरेलू सरजमीं पर पहले मैच को दर्शकों के बिना खेलना अजीब था। उस टेस्ट के शुरुआती दो दिन हम में उस तरह वैसा जोश नहीं था। इमानदारी से कहूं तो मुझ में भी ऊर्जा की कमी दिख रही थी। लेकिन दूसरी पारी से हम लय में आने लगे और यह हमारे शारीरिक हाव-भाव में भी दिखा।’ उन्होंने कहा, ‘दर्शकों की मौजूदगी से यहां काफी फर्क पड़ता है, इस मैच में हमारी टीम का धैर्य और दृढ़ संकल्प इसका एक उदाहरण है। दर्शक इस धैर्य और दृढ़ संकल्प का एक बड़ा हिस्सा है।’
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