नई दिल्ली
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने चार श्रम संहिता के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है। इससे जल्द ही क्रियान्वयन में लाये जाने के लिए इनकी अधिसूचना जारी कर सुधारों को वास्तविकता में बदलने का मार्ग साफ होगा। सरकार नए नियमों के तहत ओवरटाइम की मौजूदा समय सीमा में बदलाव कर सकती है। नए नियमों के तहत अब तय घंटों से 15 मिनट भी ज्यादा काम हुआ तो इसे ओवरटाइम की श्रेणी में रखा जाएगा और कंपनी को कर्मचारी को इसके एवज में मेहनताना देना होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार नए नियमों के तहत ओवरटाइम की मौजूदा समय सीमा को बदल सकती है। नए नियमों में तय घंटों से 15 मिनट भी ज्यादा काम हुआ तो इसे ओवरटाइम की श्रेणी में रखा जाएगा और कंपनी को कर्मचारी को इसके एवज में मेहनताना देना होगा। पहले ये समय सीमा आधे घंटे की थी। श्रम मंत्रालय ने इस बाबत सभी हितधारकों से विचार-विमर्श का काम पूरा कर लिया है। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक इस महीने के आखिर तक सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जाएगा और नियमों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। सरकार को उम्मीद है कि इन नए नियमों से कारोबारी गतिविधियों में सुधार होने के साथ-साथ श्रमिकों की हालत भी बदलेगी।
नए कानूनों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वालों को या फिर थर्ड पार्टी के तहत काम करने वालों को भी बड़ी राहत देने का फैसला लिया गया है। इसमें ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले व्यक्ति को वेतन काटकर न दिया जा सके। सरकार, श्रमिक संगठन और उद्योग जगत के साथ हुई बैठक में चर्चा के बाद सहमति बनी है कि प्रमुख नियोक्ता यानी कंपनियां ही ये सुनिश्चित करेंगी कि उन्हें पूरा वेतन मिले। कर्मचारियों को पीएफ और ईएसआई जैसी सुविधाओं का बंदोबस्त भी कंपनियों को ही सुनिश्चित करने संबंधी नियम बनाने के संकेत दे दिए गए हैं।
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