पटना
राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने राज्यसभा में जल शक्ति मंत्रालय पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि नेपाल से हाईडैम बनाने को लेकर समझौता होने तक बिहार के लिए अलग से 30 से 40 हजार करोड़ का एक फंड बनना चाहिए। इससे हर साल बाढ़ से संरचना और फसलों के नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। इस विपदा से बिहार को हर साल 30 से 40 हजार करोड़ का नुकसान होता है। फरक्का डैम में भी बिहार के साथ अन्याय हुआ। गाद जमा होने से गंगा का तल ऊपर हो गया है, जिससे बाढ़ की त्रासदी और भयानक हो जाती है। इसके लिए अविलंब एक्सपर्ट की टीम बनाई जाय और गंगा में जमा हो रहे गाद की सफाई हो।
उन्होंने कहा कि राज्य की एनडीए सरकार ने हर खेत को पानी देने की योजना शुरू की है। यह लगभग 550 करोड़ की योजना है। जल शक्ति मंत्रालय को इस योजना में मदद करनी चाहिए। इसका एक कारण यह भी है कि हर घर में नल का जल पहुंचाने की, जल-जीवन मिशन की जो बात है, नीतीश कुमार ने इसे 2015 में ही लागू किया और 2020 तक ये पूरा भी हो गया। ऐसे में इस स्कीम के तहत जो पैसा बिहार को मिलता उससे हम वंचित हो जाएंगे। इसकी भरपाई होनी चाहिए।
बिहार की कोसी और मेची नदी को जोड़ने की योजना को मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार धन्यवाद के पात्र है, लेकिन बिहार में एक नहीं 9 नदियों को जोड़ने की योजना है, उन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर देखना चाहिए।
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