पटना
लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद से पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान मुसीबत में हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में किनारे लगा दी गई एलजेपी के सैकड़ों नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दामन थाम चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह के मुखर समर्थन के बावजूद भाजपा ने भी उन पर बम फोड़ने का फैसला किया है। पश्चिम चंपारण में एलजेपी के दो सौ से अधिक नेता-कार्यकर्ता मंगलवार को भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया में मंगलवार को आयोजित मिलन समारोह में एलजेपी के पांच प्रखंडों के अध्यक्ष तथा डेढ़ सौ से अधिक पंचायत अध्यक्ष भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। एलजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष श्यामनन्द चौरसिया, पूर्व उपाध्यक्ष राधेश्याम राय सहित लगभग दो सौ नेता-कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि मंगलवार को भाजपा के इस कार्यक्रम के साथ पश्चिम चंपारण में एलजेपी टूट जाएगी। इससे पूर्व विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर नाराज प्रदेश महासचिव व सीतामढ़ी के प्रभारी विश्वनाथ प्रसाद कुशवाहा तथा प्रदेश दलित सेना के महासचिव रामेश्वर हाजरा सहित पश्चिम चंपारण के 30 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। मंगलवार को दो सौ से अधिक नेताओं के पार्टी छोड़ने की बाबत विश्वनाथ प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि चिराग पासवान कुछ लोगों के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं। वे मनमानी कर रहे हैं और एलजेपी में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में आस्था जताई तथा कहा कि वे भी उनके नेतृत्व में देश के विकास में सहभागी बनना चाहते हैं। विदित हो कि इसके पहले 18 फरवरी को जनता दल यूनाइटेड ने भी एलजेपी को जोर का झटका दिया था। तब एलजेपी के 18 जिलाध्यक्ष व पांच प्रदेश महासचिव सहित 208 नेताओं ने जेडीयू की सदस्यता ली थी। इसके लिए पटना में मिलन समारोह आयोजित किया गया था। एलजेपी में वह बड़ी बगावत थी। हालांकि इसके पहले जनवरी में भी एलजेपी के 27 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दिया था। एलजेपी में उस टूट के सूत्रधार पार्टी के निष्कासित पूर्व प्रवक्ता केशव सिंह बने थे। सवाल यह है कि एलजेपी में लगातार बगावत व भगदड़ का दौर क्यों चल रहा है? सबसे बड़ा कारण तो पार्टी की बिहार विधानसभा चुनाव में हार है। माना जा रहा है कि सत्ता की महत्वाकांक्षा वाले नेता बाहर का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं, लेकिन केशव सिंह इसके लिए चिराग पासवान की ठगी को जिम्मेदार बताते हैं।
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