नई दिल्ली
तीसरी तीमाही में जीडीपी के आंकड़े बेहतर रहे। इसका असर इस हफ्ते शेयर बाजार पर कैसा होगा, इसे बता रहे हैं मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज, कोटक सिक्योरिटीज और एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एक्सपर्ट। उनके मुताबिक शेयर बाजारों में कई दिन की गिरावट के बाद अब निवेशक कुछ ‘शांत रहेंगे। दीर्घावधि में बांड पर प्राप्ति के रुख से लेकर कच्चे तेल की कीमतें तथा वृहद आर्थिक आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश के रुख, फरवरी के वाहन बिक्री के आंकड़ों, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़ों पर भी निवेशकों की निगाहें रहेंगी। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति से भी बाजार की दिशा प्रभावित हो सकती है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘’कमजोर वैश्विक रुख के बीच बाजार में अभी गिरावट रहेगी। निवेशकों की बांड प्राप्ति, भूराजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर रहेगी। इसके अलावा उनकी निगाह अमेरिका में नयी प्रोत्साहन घोषणा से जुड़े घटनाक्रमों पर भी रहेगी। एक फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद शेयर बाजारों में कई बार तेजी का सिलसिला चला, लेकिन बीते सप्ताह बाजार में बड़ी गिरावट आई। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी तीन प्रतिशत से अधिक टूट गए। शुक्रवार को बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 1,940 अंक की जबर्दस्त गिरावट आई। यह सेंसेक्स में करीब 10 माह में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष एवं बुनियादी शोध प्रमुख रुस्मिक ओझा ने कहा कि भारतीय बाजार में वैश्विक बांड प्राप्ति बढ़ने की तत्काल प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। निकट भविष्य में भारतीय बाजारों को वैश्विक स्तर पर ‘करेक्शन का दबाव भी झेलना पड़ सकता है।
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