मुंबई
विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का कहना है कि कठोर लॉकडाउन से लोग तंग आ चुके हैं, इससे गरीबों को काफी तकलीफ होती है, ऐसे में जहां रोगियों की संख्या बढ़ रही है, वहां प्रतिबंधात्मक लॉकडाउन लगाया जाए, न की सख्त लॉकडाउन। साथ ही टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाया जाए। नागपुर में संभागीय आयुक्त कार्यालय में कोरोना की स्थिति को लेकर एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए फड़नवीस ने कहा कि निरंतर लॉकडाउन के कारण आम नागरिक परेशान हो गए हैं। ऐसे में संपूर्ण लॉकडाउन की जगह प्रतिबंधात्मक लॉकडाउन लगाना जाना चाहिए। चूंकि अब कोरोना वैक्सीन उपलब्ध है, ऐसे में टीकाकरण पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नागपुर शहर में केवल 88 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 79 केंद्रों पर टीका लगाया जा रहा है, जबकि नागपुर में हर वार्ड के अनुसार कम से कम 151 टीकाकरण केंद्रों की आवश्यकता है। अभी रोजाना 8 से 10 हजार टीके लगाए जा रहे हैं, जबकि लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रतिदिन 40 हजार टीके लगने चाहिए।
गठित हो विशेषज्ञों की टीम
फड़नवीस ने कहा कि उन्हें लगता है कि राज्य में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की जानी चाहिए। महाराष्ट्र दूसरे राज्यों से अलग नहीं है तो फिर यहां संक्रमण में इतनी बढ़ोतरी क्यों हो रही है? भाजपा नेता ने दावा किया कि अगर ज्यादा जांच होने से मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, तो दूसरे राज्य भी महाराष्ट्र की तुलना में प्रति दस लाख आबादी पर ज्यादा जांच कर रहे हैं। फड़नवीस ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान पर भी चिंता जताई और कहा कि टीकाकरण की प्रक्रिया धीमी चल रही है और रफ्तार बढ़ाई जानी चाहिए। महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 25,681 नए मामले सामने आए और 70 लोगों की मौत हुई। राज्य में वर्तमान में 1,77,560 संक्रमित लोगों का इलाज चल रहा है। बता दें कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नंदूरबार में कहा था कि पिछले साल सितंबर माह में कोरोना जिस पीक पर पहुंचा था, हम तकरीबन उसके करीब या आगे हैं। लॉकडाउन का विकल्प सामने दिखाई देता है, लेकिन मुझे अभी भी आम लोगों से सहयोग की उम्मीद है।
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