मुंबई
राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के दौरान विधानसभा के विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने तकरीबन डेढ़ घंटे के भाषण में सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए पूजा चव्हाण, कोविड घोटाले जैसे अनेक मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार केवल फेसबुक लाईव में मग्न है, लेकिन 21 फरवरी का फेसबुक लाइव उत्तम था, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी आवाज आप तक पहुंच रही है, लेकिन आपकी आवाज मुझ तक नहीं आ रही है। यही हम पिछले सवा साल से बोलने की कोशिश कर रहे हैं कि जनता की आवाज आप तक नहीं पहुंच रही है, अच्छा किया कि यह बात आपने ही बता दी।
राज्यपाल का पद सबसे बड़ा
राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर फड़नवीस ने कहा कि विवाद पहले भी हुए हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि राज्यपाल को विमान से उतरना पड़ा हो। उन्होंने कहा कि राज्य में राज्यपाल का पद मुख्यमंत्री के पद से ऊंचा होता है। राज्यपाल व्यक्ति नहीं व्यवस्था है। अगर मंजूरी नहीं मिली थी, तो कैसे विमान खड़ा हो गया, उसमें तेल भरा गया, राज्यपाल बोर्डिंग पास लेकर उसमें बैठ गए और फिर उन्हें उतार दिया गया। राज्यपाल को रोज अपमानित किया जाता है, आज अभिनंदन प्रस्ताव आया है, यह संतोष की बात है।
कोराना काल में रिकॉर्ड भ्रष्टाचार
उन्होंने राज्य सरकार पर कोरोना की स्थिति से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोविड सेंटर के नाम पर राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगर कोरोना से निपटने के बेहतर उपाय किए होते तो मरीजों की संख्या 9 लाख 55 हजार कम होती और 30 हजार 900 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। देश के 40 फीसदी कोरोना मरीज और बीमारी से जान गंवाने वाले 35 फीसदी महाराष्ट्र के है। अब भी 46 फीसदी एक्टिव मरीज राज्य में हैं, इसके बावजूद सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बड़ा अस्पताल रिकॉर्ड समय में बनाने का दावा कर रही है, लेकिन इसमें रिकॉर्ड भ्रष्टाचार भी हुआ है। जिस बेडसीट को दो लाख रुपए में खरीदा जा सकता था, उसके लिए 8.5 लाख रुपए किराया दिया गया। 90 दिन में पंखे के लिए 9 हजार किराया दिया, जिसमें कितने पंखे खरीदे जा सकते थे। इसी तरह गद्दे, तकिया, सलाइन के लिए 60 लाख रुपए खर्च किए गए। 1200 रुपए का थर्मामीटर 6500 रुपए में खरीदा गया। 150 टेबल का किराया छह लाख 75 हजार रुपए और कुर्सियों के लिए 4 लाख रुपए किराया दिया गया। मृत शरीर के लिए बैग और पीपीई किट में भी घोटाला किया गया। अमरावती में अब भी कोरोना पॉजिटिव घोषित करने का रैकेट चल रहा है।
राठौड का इस्तीफा राज्यपाल को नहीं भेजा
पूजा चव्हाण मामले में फंसे संजय राठौड़ पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि इस्तीफा फ्रेम कराने के लिए नहीं रखा है, लेकिन अब तक ऐसा सुनने में नहीं आया कि उन्होंने इस्तीफा राज्यपाल के पास भेजा है। मुझे नहीं पता कि वह फ्रेम कराने के लिए रखा गया है या नहीं। पूजा चव्हाण केस में 20 दिन बीत जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। 12 ऑडियो क्लिप में जो सबूत हैं, उससे ज्यादा क्या सबूत चाहिए। किसी मामले में इतने ठोस सबूत नहीं होते। यवतमाल के मेडिकल कॉलेज में जो हुआ है इसकी लिंक, सभी टावर लोकेशन सरकार के पास है। कौन किससे मिला सरकार जानती है। अरूण का बयान भी सरकार के पास है, फिर भी एफआईआर नहीं दर्ज किया जा रहा है। सरकार बहाना बना रही है कि पूजा के माता-पिता शिकायत नहीं कर रहे हैं। किसी की शिकायत की जरूरत नहीं है। अपराध समाज के खिलाफ होता है। मुकदमा सरकार विरुद्ध आरोपी चलाया जाता है। अवैध गर्भपात का भी मामला है। जिस पूजा राठौड़ का गर्भपात हुआ वह कौन है। इस मामले में कई सवाल हैं। हम बस इतना चाहते हैं कि मामले की जांच हो। फड़नवीस ने कहा कि महबूब शेख पर सिर्फ इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है, क्योंकि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता है। एफआईआर हुई और उसके बाद महिला बार-बार सामने आकर बलात्कार की जानकारी दे रही है। लेकिन डीसीपी आरोपी का बचाव कर रहे हैं।
परेशान है किसान
फड़नणवीस ने कहा कि राज्य का किसान परेशान है। अमरावती, अकोला विभाग में बोंडअली के चलते 88 से 100 फीसदी तक फसलों का नुकसान हुआ है, मराठवाडा के किसान भी बेमौसम बरसात से परेशान हैं। लेकिन किसानों को मदद मिलना तो दूर उनकी बिजली काटी जा रही है।
देश का समर्थन करने वालों की जांच क्यों
देवेंद्र फड़नवीस ने किसानों के आंदोलन को लेकर कुछ विदेशी हस्तियों के ट्वीट के बाद भारत के समर्थन में सचिन तेंदुलकर एवं लता मंगेशकर की ओर से किए गए ट्वीट की कथित जांच कराने को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
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