मुंबई
बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने टोल नाका से गुजरने वाले वाहनों के लिए फास्टैग (इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह चिप) अनिवार्य किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को हलफनामा के जरिये जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने सरकार से पूछा कि क्या कोई ऐसा कानून है जो कहता है कि पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने टोल नाका पर केवल फास्टैग लेन ही होंगे। पीठ ने यह निर्देश अर्जुन खानपुरे द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें फास्टैग को अनिवार्य करने के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका में सरकार के उस नियम को भी चुनौती दी गई है, जिसके तहत फास्टैग नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान है। अदालत ने पक्षकारों को सुनने के बाद कहा कि वह सात अप्रैल को सभी पहलुओं पर सुनवाई करेगी।
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