पटना
रंगों का त्योहार होली नजदीक आते ही पूरा बिहार कोरोना संक्रमण की जद में आ गया है। बिहार में एक बार फिर से कोरोना विस्फोट हुआ है। विगत 24 घंटों में राज्य में एक साथ जहां 126 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, वहीं पटना जिला सबसे ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है। पटना में एक साथ 51 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश की राजधानी में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 242 पहुंच गई है, जबकि पूरे राज्य में यह संख्या 522 तक पहुंच गई है।
भागलपुर दूसरा सबसे संक्रमित जिला बन गया है, जहां फिर से 13 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा अररिया में भी 6 और रोहतास में 7 मरीज संक्रमित पाए गए हैं। राज्य के सभी 38 जिले अब संक्रमण की चपेट में आ गए हैं और रोजाना आंकड़ों में इजाफा भी देखा जा रहा है। सीएम नीतीश के निर्देश के बाद आरटीपीसीआर से भी टेस्टिंग बढ़ा दी गई है। बिहार में 24 घंटे में 55376 सैम्पल की जांच की गई। हालांकि, राहत की बात यह है कि राज्य में अब भी रिकवरी रेट अन्य राज्यों से बेहतर है। संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर 99.21 प्रतिशत है और 24 घंटे में कोरोना से 74 लोग स्वस्थ हुए हैं।
संक्रमण को देखते हुए सभी जिलों में जहां टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ा दी गई है, वहीं बाहर से आनेवाले लोगों का अब सर्वे कर डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा तैयार करने का काम पंचायत से लेकर जिलों तक में चल रहा है। इसमें आंगनबाड़ी सेविका से लेकर आशा कार्यकर्ता तक काम में लगी हुई हैं। सभी जिलों में रेलवे स्टेशनों से लेकर बस स्टॉप पर भी बाहर से आनेवालों पर न सिर्फ नजर रखी जा रही है, बल्कि सभी की जांच भी की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर सभी सिविल सर्जन खुद क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर मरीजों और सम्पर्क में आए लोगों की निगरानी की जा रही है। राजधानी में भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन लगातार बढ़ते जा रहे हैं और 70 से ज्यादा माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिये गए हैं। यहां सभी घरों के बाहर पोस्टर भी चिपकाया गया है। हालांकि, अब डर स्कूली बच्चों को है जो इस परिस्थिति में भी घर से बाहर निकल रहे हैं और स्कूलों में पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं। सरकार ने अभी किसी भी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने पर विचार नहीं किया है, लेकिन सभी स्कूलों को रोज सैनिटाइज करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने का निर्देश दिया गया है।
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