मुंबई
चॉइस ग्रुप ने एल्फा–बी नाम के एक वित्तीय समूह की आधारशिला रखी है, जो निवेशकों को उनके गाढ़ी मेहनत की कमाई को लम्बी अवधि के लिए शेयर बाज़ार में निवेश करने हेतु निर्णय लेने में प्रमुखता से सहायता प्रदान करेगा। एल्फा–बी उन निवेशकों की सहायता के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है, जो लंबे समय में शेयर में निवेश करने के बाद भी बेंचमार्क रिटर्न प्राप्त नहीं कर पाते हैं। क्योंकि, पूंजी बाज़ार में निवेश का अंतिम लक्ष्य लाभ कमाना ही है, एल्फा–बी निवेशकों को लॉन्ग टर्म निवेश में बेंचमार्क रिटर्न प्राप्त करने में अवश्य ही मददगार होगा। जैसा कि मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध चॉइस इंटरनेशनल लिमिटेड (एल्फा–बी वित्तीय समूह की एक सूचीबद्ध इकाई) के प्रबंध निदेशक कमल पोद्दार ने कहा, कोरोना महामारी अवधि के दौरान स्टॉक ब्रोकरेज कम्पनियों के नए डीमैट खातों में वृद्धि देखी गयी, इनमें से 10 प्रतिशत खाते कोरोना अवधि के 6 से 8 महीने बाद क्रियाशील हुए हैं। इसमें यह देखा गया कि खाताधारकों का रुझान निवेश के बजाय ट्रेडिंग के प्रति अधिक रहा, जिससे उन्हें शेयरों में निवेश पर प्राप्त हो सकने वाले/संभावित लाभांश तथा निवेशित पूँजी में वृद्धि के अवसरों से अपेक्षित धैर्य तथा अनुशाशन नहीं रखने के कारण वंचित रहना पड़ा। चॉइस ग्रुप, जो निवेशक समुदाय के लिए- म्यूचुअल फंड में उत्तम एवं सुलभ निवेश हेतु इन्वेस्टिका एप तथा शेयर बाज़ार में निवेश व ट्रेडिंग के लिए जिफ्फी एप सरीखे तकनीक आधारित प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में अग्रणी तथा विश्वसनीय रहा है l उपरोक्त सभी के मद्देनजर लम्बी अवधि के निवेशकों हेतु एक उचित साधन उपलब्ध कराने के क्रम में https://alphabee.in को निर्मित किया जाना ज़रूरी समझा, जैसा कि पोद्दार ने बताया ।
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