नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि विपक्ष को सरकार की आलोचना करने का अधिकार है, वास्तव में ये उनका कर्तव्य है। लेकिन सरकार की आलोचना तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, जिससे विश्वास बना रहे। उन्होंने कहा कि सिर्फ रिकॉर्ड के लिए सरकार का विरोध किया जाए तो ये आलोचना करने वाले की क्रेडिबिलिटी पर सवाल खड़े करता है। इससे पहले उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को भारत को आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिए गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, सामाजिक भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयां समाप्त करने का आह्वान करते हुए कहा कि ऐसा करना देश के स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उपराष्ट्रपति ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की शुरुआत पर अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘यह महोत्सव एक राष्ट्र के रूप में हमारी यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह उत्सव का अवसर है।’ उन्होंने कहा कि यह अवसर उस महान विरासत को याद करने का है, जो महात्मा गांधी और अनगिनत स्वाधीनता सेनानी देश के लिए छोड़ गए हैं।
वेंकैया नायडू ने कहा, ‘यह मौका उस नए भारत की दिशा में तेजी से बढ़ने का है, जैसा हम सब चाहते हैं, जहां हर नागरिक, हर समुदाय अधिकार- संपन्न हो, हर किसी को अपनी क्षमता को सामने लाने का अवसर मिले।’ उपराष्ट्रपति ने कहा कि नागरिकों को सक्षम बनाने और उनके सशक्तिकरण के लिए सुशासन आवश्यक है। प्रशासन का एक ही मॉडल ऊपर से नीचे थोपे जाने के बजाय उसे विकेंद्रीकृत करके जन-केंद्रित बनाया गया है, जिससे सभी की सम्मति और शिरकत सुनिश्चित की जा सके।
नायडू ने कहा, ‘स्थानीय निकाय हमारे संघीय ढांचे में एक नया स्तर जोड़ते हैं, जो भारतीय लोकतंत्र को स्थानीय स्तर तक पहुंचा रहे हैं। आगे भी हमें इसी भाव से प्रयास करते रहना है और भारत को अधिक शक्तिशाली एवं समृद्ध देश बनाना है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत को आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाने के साथ-साथ हमें सामाजिक एकता को बढ़ाने के लिए भी प्रयास करते रहना है और गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, सामाजिक एवं लैंगिक भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों से निजात दिलानी है।
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