कांग्रेस का मतलब बम, बंदूक,भ्रष्टाचार और घोटाले की गारंटी
बांकुड़ा/कोलकाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जमकर निशाने पर लिया। राज्य के बांकुड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने ठान लिया है कि राज्य में असली परिवर्तन होगा, दो मई आई और दीदी गई। दीदी ने 10 साल तक धोखा दिया है और वह हार के डर से बौखला गई हैं। मोदी ने कहा कि दीदी मैं आपको बंगाल के लोगों के विकास को, सपनों को लात नहीं मारने दूंगा। आप बंगाल की परम्परा का अपमान कर रही हैं। बंगाल में कट मनी, वसूली, सिंडिकेट का खेल चल रहा है। अपने भाषण की शुरुआत बांग्ला में करते हुए मोदी ने कहा कि कटमनी का खेल अब नहीं चलेगा। भ्रष्टाचार और सिंडिकेट का खेल अब बंगाल में नहीं चलेगा। आप खेल होने को कहती रहती हैं, जबकि बंगाल के लोगों ने खेल खत्म करने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि बंगाल में दीदी के लोग दीवार पर तस्वीरें बना रहे हैं। तस्वीरों में दीदी मेरे सिर पर अपना पैर मार रही हैं। मेरे सिर के साथ फुटबॉल खेल रही हैं, आप बंगाल के संस्कार और यहां की महान परंपरा का अपमान क्यों कर रही हो दीदी? ये बंगाल तो देश को दिशा देने वाला है, मैं जितना दीदी से आपके सवाल पूछता हूं, उतना वो मुझ पर गुस्सा करती हैं। अब तो कह रही हैं कि उनको मेरा चेहरा भी पसंद नहीं है। दीदी, लोकतंत्र में चेहरा नहीं, जनता की सेवा, जनता के लिए किया गया काम कसौटी पर होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल में अगर हमारी सरकार आई तो आयुष्मान भारत योजना लागू करेंगे, वसूली के खिलाफ कार्रवाई होगी, भ्रष्टाचारियों और सिंडिकेट वोलों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बंगाल में असली परिवर्तन बीजेपी लाकर दिखाएगी। असली परिवर्तन यानी बंगाल में एक ऐसी सरकार लाने के लिए जो सरकारी योजनाओं का पैसा 100 फीसदी गरीब तक पहुंचाए, बंगाल में एक ऐसी सरकार लाने के लिए जो तोलाबाजों, सिंडिकेट को जेल भेजे, भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई करे। बंगाल में एक ऐसी सरकार लाने के लिए जो गरीबों की सेवा करे, उनकी तकलीफें दूर करे।
नल कहां है, जल कहां है
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार हर घर पाइप से जल पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है। हमने सैकड़ों करोड़ रुपए बंगाल सरकार को दिए हैं, लेकिन यहां की बहनें-बेटियां, बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं। नल कहां है, जल कहां है। यहां खेतों में पानी क्यों नहीं है? क्यों यहां का किसान साल में सिर्फ एक फसल लेने के लिए मजबूर हैं? यहां सिंचाई व्यवस्थाएं जर्जर क्यों हैं, परियोजनाएं लटकी क्यों हैं? यहां युवा परेशान हैं। नौकरी, उद्योग, निवेश कहां है? आपने 10 साल में सिर्फ खोखली घोषणाएं की हैं, जमीन पर काम कहां है दीदी।
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