मुंबई
कोरोना संक्रमण के एक बार फिर बेकाबू होने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि संक्रमण को नियंत्रण में लाने के लिए लॉकडाउन एक विकल्प है, क्योंकि यहां केसों में चिंताजनक उछाल है। महाराष्ट्र में लगातार दूसरे दिन 25 हजार से अधिक कोरोना केस सामने आए हैं। साथ ही संक्रमण से मरने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को राज्य में 25,681 मरीज मिले जो गुरुवार के आंकड़े से कुछ ही कम है। पिछले 24 घंटे में राज्य में 70 लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक दिन पहले 58 लोगों ने जान गंवाई थी। लगातार दूसरे दिन 25 हजार से अधिक केसों के बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 24 लाख 22 हजार 21 हो गई है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी संक्रमण की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। पिछले 24 घंटे में यहां 3062 लोग संक्रमित हुए हैं और यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,55,897 हो गई है। इस दौरान यहां 10 लोगों मौत हुई है। अब तक यहां 11,565 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां 20,140 एक्टिव केस हैं।
कोरोना केसों की बेहद तेज रफ्तार पर चिंता जाहिर करते हुए ठाकरे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। लॉकडाउन की संभावना को लेकर उन्होंने कहा, ''मैं आगे लॉकडाउन को एक विकल्प के रूप में देखता हूं। लेकिन मैं राज्य के लोगों पर भरोसा करता हूं कि वे सहयोग (कोविड-19 नियमों के पालन में) करेंगे, जैसे उन्होंने पहले किया था।''
हालांकि, उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि अब वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन भी है, जोकि पहले नहीं थी। उद्धव ने कहा, ''पिछले साल जब महामारी की शुरुआत हुई, वायरस से लड़ने के लिए कुछ नहीं था। लेकिन अब कम से कम हमारे पास वैक्सीन है।'' ठाकरे ने कहा कि अब प्राथमिकता यह है कि सभी का टीकाकरण किया जाए। उन्होंने लोगों से बिना किसी डर टीका लगवाने की भी अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा, ''ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जहां टीका लगने के बाद भी कोरोना संक्रमण हुआ, लेकिन ये जानलेवा नहीं होता।''
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार ने शुक्रवार को थियेटर और सभागारों में आने वाले लोगों की संख्या सीमित रखने का आदेश दिया है। सरकार ने इनसे कहा है कि 31 मार्च तक ये 50 फीसदी क्षमता के साथ ही संचालन कर सकते हैं। शुक्रवार को सरकार की ओर से इसी तरह की जारी एक अधिसूचना में निजी दफ्तरों में सिर्फ 50 फीसदी स्टाफ बुलाने को कहा है। स्वास्थ्य और जरूरी सेवा वाले कार्यालयों को इससे बाहर रखा गया है।
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