मुंबई
राज्य गुप्तचर विभाग द्वारा दी गई रिपोर्ट लीक होने के मामले में मुंबई के सायबर विभाग ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। गुप्तचर विभाग द्वारा की गई शिकायत के आधार एफआईआर दर्ज की गई है। इसकी जांच सायबर अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा की जा रही है।
गुप्तचर विभाग की प्रमुख रहते हुए रश्मि शुक्ला द्वारा बनाई गई रिपोर्ट लीक कैसे हुई इसकी जांच अब मुंबई पुलिस करेगी। इसीलिए सायबर अपराध शाखा में भारतीय टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 30, आईटी एक्ट 43(ब), 66 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने मुख्यमंत्री को जो रिपोर्ट दिया था उसके मुताबिक गुप्तचर विभाग की तत्कालीन कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने जुलाई 2020 में यह कह कर परमिशन लिया था कि कुछ व्यक्तियों से कानून व्यवस्था को खतरा हो सकता है। जिसके बाद यह परमिशन दी गई थी। इसके तहत आतंकवाद और दंगे भड़काने के मामले आते हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग कर अधिकारियों के तबादले के बातचीत की फोन टैपिंग की गई, जिसके बाद 25 अगस्त को यह रिपोर्ट तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को दी थी। इसके बाद 26 अगस्त को वह रिपोर्ट तत्कालीन मुख्य सचिव (गृह) को दी थी। यही रिपोर्ट विरोधी पार्टी के नेता ने एक पत्रकार परिषद लेकर पत्रकारों को दिखाई।
संयुक्त आयुक्त अपराध ने बताया कि गुप्तचर विभाग की शिकायत पर दस्तावेज लीक होने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
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