कैबिनेट की बैठक में हुई फोन टैपिंग मामले की चर्चा । रश्मि शुक्ला व परमबीर पर हो सकती है कार्रवाई
मुंबई
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष नेता देवेंद्र फड़नवीस द्वारा राज्य सरकार पर लगाए गए पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर रैकेट के गंभीर आरोप से राज्य की सियासत गरमाई हुई है। एक तरफ जहां विपक्ष मामले को गंभीरता बताते हुए इसकी जांच की मांग कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी ने बिना अनुमति के फ़ोन टैपिंग को गुनाह बताते हुए विपक्ष पर निशाना साधा है। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गृहमंत्री अनिल देशमुख और फोन टैपिंग मामले को लेकर गंभीरता से चर्चा की गई। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने बैठक में इस बात को स्वीकार किया कि उनसे अधिकारियों को पहचानने ने गलती हुई है, जिन अधिकारियों ने सरकार के साथ धोखा और विश्वाश्घात किया है, उन्हें सजा जरूर मिलेगी। उन्होंने आरोपों के खिलाफ आघाड़ी के तीनों दलों को साथ मिलकर लड़ने की अपील की। इधर कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने विपक्ष और पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला की जमकर आलोचना की। आव्हाड ने कहा कि फोन टैपिंग को लेकर तत्कालीन स्टेट इंटेलिजेंस विभाग (एसआईडी) की प्रमुख रश्मि शुक्ला ने फोन टैपिंग करके पुलिस विभाग का अपमान किया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि वो अकेली ऐसी पुलिस अधिकारी हैं जो ईमानदार और बेदाग हैं, बाकी के सभी अधिकारी भ्रष्ट हैं। जिसे गंभीरता से लेते हुए नामित सभी अधिकारियों को सरकार के सलाह-परामर्श लेकर शुक्ला के खिलाफ अदालत में जाना चाहिए। आव्हाड ने सवाल करते हुए कहा कि बिना अनुमति के कोई भी पुलिस अधिकारी किसी का फोन कैसे टैप कर सकता है, यह मामला बेहद गंभीर है। इस मामले में अधिकारी ही कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी का फोन टैप करने से गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव की अनुमति की आवश्यकता होती है। गृहनिर्माण मंत्री ने बताया कि मुख्यसचिव सीताराम कुंटे की जानकारी के अनुसार एसआईडी की कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने फोन टैपिंग को लेकर गृहविभाग से कोई अनुमति नहीं ली थी। इसके साथ राज्य की पिछली युति सरकार में शुक्ला को फोन टैपिंग की बुरी आदत थी जिसे लेकर मौजूदा उनके द्वारा लिखे गए मुख्यमंत्री को पत्र में खुलासा होने के बाद उन्होंने माफी मांगी थी। रश्मि शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए आव्हाड ने कहा कि पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री से माफ़ी मांगने के बाद पत्र उजागर करके सरकार के साथ धोखा किया है,जिसे माफ़ नहीं किया जाएगा। आव्हाड ने कहा कि केंद्र सरकार ने फोन टैपिंग के लिए कुछ नियम बताए हैं। आप देशद्रोह, आतंकवादी संगठन के साथ दोस्ती करने के बिना फोन टैपिंग नहीं कर सकते। अगर आपको लगता है कि कोई व्यक्ति यहां शांति भंग कर सकता है तो उसका फोन को टैप हो किया जा सकता हैं,लेकिन इन सभी कारण और गृहविभाग के बिना अनुमति के रश्मि शुक्ला ने फोन टैपिंग किया है जो कानून के खिलाफ है। इसमें आशंका है कि सरकार के कई मंत्रियों का भी फोन भी टैप किया गया है। वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रीमंडल की बैठक में मुंबई सहित राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या पर गंभीरता से चर्चा की गई लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका। महाधिवक्ता कुम्भकोणी भी वर्षा बंगले पर मुख्यमंत्री से मिलने पहंुचे। सूत्रों के मुताबिक रश्मि शुक्ला और परमबीर सिंह पर कार्रवाई की जा सकती है।
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