मुंबई
मनसुख हिरेन केस में फंसे मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वझे को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। रविवार को एनआईए वझे को सीन रिक्रिएट करने के लिए मीठी नदी के पास लेकर गई थी। इस दौरान उनकी निशानदेही पर केंद्रीय जांच एजेंसी के गोताखोरों ने नदी से सीपीयू, गाड़ी के नंबर प्लेट और डीवीआर बरामद किया था। मीठी नदी से बरामद किए गए इन सबूतों की कहानी भी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, नदी में से बरामद किए गए डीवीआर में से एक तो उस हाउसिंग सोसाइटी का है, जहां स्कॉर्पियो कार 17 फरवरी से 24 फरवरी के बीच पार्क की गई थी। यही स्कॉर्पियो बाद में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी मिली थी। इसके अलावा नंबर प्लेट बनाने वाली दुकानों तथा अन्य ऐसी जगहों के डीवीआर भी बरामद किए गए हैं, जहां वझे को शक था कि उसकी गतिविधियां पकड़ी जा सकती हैं।
नंबर प्लेट बरामद
वहीं, मीठी नदी से एक ही पंजीकरण संख्या के दो वाहन नंबर प्लेट बरामद किए गए थे। विजय नाडे नाम के एक शख्स ने दावा किया है कि ये नंबर प्लेट उसकी गाड़ी के हैं, जो पिछले साल 16 नवंबर को गायब हो गई थी। नाडे ने बताया कि 16 नवंबर 2021 को उसकी गाड़ी चोरी हो गई थी, जिसकी एफआईआई भी दर्ज कराई गई थी। उनके पास एफआईआर की एक कॉपी भी है। नाडे ने कहा कि तीन महीने तक गाड़ी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, लेकिन रविवार को उन्हें इस बारे में बताया गया।
मिलेगी महत्वपूर्ण जानकारी
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक मीठी नदी में बरामद किए गए समान से एनआईए के हाथ महत्वपूर्ण जानकारी लग सकती है। एनआईए ने डीवीआर भी बरामद किया है, जिससे महत्वपूर्ण सीसीटीवी एनआईए को मिल सकती है। इसके अलावा जो लैपटॉप और कंप्यूटर मिले हैं, उसमें अपराध से जुड़ी कई जानकारी होने की आशंका एनआईए को है। वझे द्वारा बताए गए जगह पर एनआईए ने सफाई कर्मियों को उतारा सभी सामान बरामद किया ।
सोमवार को ब्यापारी ने लगाई एनआईए कार्यालय में हाजिरी
एनआईए कार्यालय में भी होली के दिन शांति रही। अधीक्षक विक्रम खलाते ऑफिस पहुंचे,इस दौरान एक बिजनेस मैन को एनआईए ने बुलाया था। हालांकि वह कौन है इसका खुलासा नहीं हो पाया था। सोमवार को अधीक्षक खलाते जांच के लिए अपने दफ्तर पहुंचे। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि वो ब्यापारी कौन था। लेकिन ख़बर लिखे जाने तक वह दफ्तर में ही मौजूद था।
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