मुंबई
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मांग की है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे के आरोपों से प्रतीत होता है कि राज्य के कर्ता-धर्ता संगठित अपराध में शामिल हैं, इस केस में जिनका नाम आ रहा है, उनके इस्तीफे ही काफी नहीं, बल्कि संबंधितों के खिलाफ मोका के तहत गुनाह दाखिल करना चाहिए।
वे यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। पाटिल ने कहा कि परमबीर सिंह, वझे जैसे पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी चौंकाने वाली है। यदि इस संबंध में कोई ठोस सबूत पेश किए जाते हैं तो संगठित अपराध (मोका) के तहत संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सचिन वझे के आरोप के बाद प्रेस कांफ्रेंस लेकर अपना पक्ष रखने के बजाय मंत्री अनिल परब को एनआईए, सीबीआई के पास जाकर अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए। पाटिल ने कहा कि कोरोना की स्थिति से निपटने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल रही है। टीकाकरण कार्यक्रम की फजीहत हो रही है। अपनी नाकामी को छिपाने के लिए महाविकास आघाड़ी सरकार केंद्र पर जिम्मेदारी डाल रही है। हालांकि केंद्र द्वारा प्रदान किए गए टीकों की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है और उसने राज्य के झूठ को उजागर किया है।
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