मुंबई
राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए रेमिडिसिवर दवा की मांग बढ़ती जा रही है। बढ़ी मांग को देखते हुए इसकी कालाबाजारी भी शुरू हो गई थी और विभिन्न जगहों पर अलग-अलग कीमतों में बिक रही थी। राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए पूरे राज्य में इसकी कीमत 1100 से 1400 रुपये तक तय कर दी है। बुधवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि राज्य में रेमेडिसिवर की मांग बढ़ रही है। हर दिन करीब 50 हजार डोज का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन राज्य में दवा कम पड़ रही है। सरकार ने दवा की कालाबाजारी को रोकने और सामान्य जनता को दवा आसानी से मिल सके इसके लिए डोज की कीमत तय करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों को दवाओं की अलग-अलग दवा दी जा रही है। उन पर इलाज के दौरान नजर रखनी पड़ रही है। बता दें कि सरकार ने कोरोना पीड़ितों के लिए कारगर साबित होने वाली रेमेडिसिवर दवा की कीमत पिछले साल अक्टूबर में 2240 रुपए प्रति डोज तय किया था। शुरुआत में कंपनियां इसे 5000 रुपए से भी अधिक कीमत पर बेच रही थी।
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