लखनऊ
हर गांव डिजिटल की ओर बढते यूपी के कदम ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों के जीवन को आसान करने जा रहे हैं। प्रदेश की योगी सरकार गांव में रहने वाले हर व्यक्ति को इंटरनेट से जोड़ने की तैयारी कर रही है। गांवों में पंचायत भवनों को डिजिटल किया जा रहा है। इससे गांव के लोग एक क्लिक पर अपने गांव में हुए विकास की जानकारी हासिल कर सकेंगे। साथ ही विकास कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी। यही नहीं, कोरोना काल में नेशनल ब्रांड बैंड योजना गांव में रहने वाले छात्रों की पढ़ाई की राह का आसान करेगी। उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की आबादी में 70 प्रतिशत लोग गांव में निवास करते हैं। प्रदेश में 2498 पंचायत भवन है जबकि 206 बहुउददेशीय पंचायत भवन है। योगी सरकार इन सभी पंचायत भवनों को डिजिटल करने का काम शुरू कर चुकी है। पंचायत भवन के डिजिटल होने के बाद गांव के लोगों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी आसानी से पहुंचाई जा सकेगी। गांव में कितनी सड़कों को निर्माण हुआ, कितने हैंडपंप लगे, शौचालयों की स्थिति क्या है। सरकार किसानों के लिए कौन सी योजना ला रही है। इसकी जानकारी ग्रामीणों को अब कम्प्यूटर के एक क्लिक पर मिल जाएगी।
डिजिटल गांव में मिलेंगी यह सुविधाएं
डिजिटल गांव यानी ऐसा गांव जहां ग्रामीणों को सभी आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी। मसलन गांव में एटीएम, इंटरनेट की सुविधा, गांव के दुकानों पर डेबिट कार्ड और डिजिटल वॉलेट से भुगतान करने की सुविधा, डिजिटल गांव स्कीम के तहत सरकार ऐसे गांवों में मिनी बैंक, मिनी एटीएम, होटल बुकिंग और मोबाइल व डीटीएच रिचार्ज जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र भी डिजिटल ही बनाए जाएंगे।
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