रायपुर
छत्तीसगढ़ की बीजापुर और सुकमा की सीमा पर हुए इस साल के सबसे बड़े नक्सली हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ कैम्प जाकर जवानों से मुलाकात की और उनकी हौसलाअफजाई भी की। शाह ने भरोसा दिलाया कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
अमित शाह ने नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए कहा और चेतावनी दी कि अगर हथियार नहीं छोड़े तो फिर सरकार के पास कोई और विकल्प नहीं रहेगा।
जगदलपुर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जवानों का यह सर्वोच्च बलिदान है। उनके इस शौर्य ने इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचा दिया है। अब हम इसे अंजाम तक लेकर जाएंगे। उन्होंने जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'हमारे जवानों ने अदम्य साहस के साथ संघर्ष किया। भारत सरकार आपकी सभी समस्याओं को समझती है और इस लड़ाई में मजबूती से आपके साथ खड़ी है। हम जल्द से जल्द सभी खामियों को दूर करेंगे।'
अमित शाह ने आगे कहा कि जब भी कोई दोस्त हमें छोड़ देता है हम दुखी होते हैं। लेकिन नक्सल मुद्दे के कारण इस क्षेत्र का गरीब विकास से रहित है। हम उन लोगों का स्वागत करते हैं, जो सरेंडर करना चाहते हैं। यदि आपके हाथ में हथियार होगा तो हमारे पास कोई और विकल्प नहीं रहेगा।
बीजापुर के सीआरपीएफ कैम्प के अपने दौरे के दौरान अमित शाह ने जवानों के साथ भोजन भी किया। शाह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं सुरक्षा बलों के आला अफसरों के साथ दोपहर बाद हेलीकाप्टर से सीआरपीएफ कैम्प पहुंचे और वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों एवं राज्य पुलिस के जवानों से मुलाकात की और नक्सलवाद के खिलाफ जंग में उनके शौर्य एवं बहादुरी की सराहना की। उऩ्होने जवानों एवं अग्रिम मोर्चे पर तैनात अफसरों से उनकी मुश्किलों के बारे में भी जानकारी ली और उन्हे भरोसा दिलाया कि इसे दूर करने तथा बेहतर सुविधाएं और अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध करवाने का पूरा प्रयास होगा।
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